बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड ने गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र में एलडीए को धोखाधड़ी करते हुए ज़मीन बेची।
लखनऊ। बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड ने गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र में एलडीए को धोखाधड़ी करते हुए ज़मीन बेची। इस मामले में अपर ज़िला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) ने ज़मीन के ऑडिट के आदेश दिए हैं। ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त का ऑडिट करने और एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए चार सदस्यीय टीम गठित की गई है, जिसे प्रशासन उच्च न्यायालय को सौंपेगा। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड को लखनऊ विकास प्राधिकरण से 365 लाख वर्ग फुट ज़मीन मिली थी। लेकिन समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों ने सात लाख वर्ग फुट से ज़्यादा ज़मीन बेच दी, जिसकी क़ीमत लगभग छह हज़ार करोड़ रुपये है। ज़मीन बेचते समय समिति के पदाधिकारियों ने सरकारी ज़मीन को भी नहीं बख्शा। ग्राम समाज के लिए आरक्षित ज़मीन, एक तालाब और अन्य चीज़ों को भी मनमाने ढंग से बेच दिया गया। इस मामले में, उच्च न्यायालय ने 20 अगस्त को एक समिति गठित कर जाँच का आदेश दिया था।
इस संदर्भ में, प्रमुख सचिव सहकारिता ने लखनऊ के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर संबंधित विभागों की एक संयुक्त समिति गठित करने का अनुरोध किया था। यह समिति समिति के स्वामित्व वाली कुल भूमि, पिछले दस वर्षों में निष्पादित विक्रय पत्रों की संख्या और समिति के खातों में बिक्री से प्राप्त राशि की जाँच करेगी। यह समिति समिति में नए सदस्यों के शामिल होने की तिथि और रसीदें भी एकत्र करेगी।
जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राकेश प्रताप सिंह ने 3 सितंबर को एक समिति के गठन का आदेश जारी किया, जिसमें चार सदस्य शामिल हैं। इस आदेश में उप-जिलाधिकारी सदर, स्टाम्प अधिकारी एलडीए, उप महानिरीक्षक स्टाम्पिंग और उपायुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता को शामिल किया गया है। साथ ही, उच्च न्यायालय की अपेक्षानुसार जाँच और निरीक्षण कर साक्ष्य सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 16 सितंबर तक वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
सहायक आयुक्त ने गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करते हुए पत्र भेजा
बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद संबंधित विभागों ने कार्रवाई तेज कर दी है। इस मामले में समिति के सचिव महेंद्र प्रसाद तिवारी ने 20 अगस्त को गाजीपुर थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।
इसमें पूर्व अध्यक्ष प्रवीण सिंह बाफिला, पूर्व सचिव लाखन सिंह वलियानी, पूर्व कर्मचारी वीरेंद्र कुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह के बेटे अभिषेक विक्रम सिंह, उनके भाई नरेंद्र कुमार सिंह, कमलेश सिंह, अरविंद सिंह और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
इस मामले में सहायक आयुक्त और सहकारिता की सहायक सचिव वैशाली सिंह ने गाजीपुर इंस्पेक्टर को पत्र भेजकर समिति के खिलाफ 23 बिंदुओं पर हाईकोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। आरोपियों के खिलाफ सुरक्षा उपाय करने के लिए पुलिस को पत्र लिखा गया है। गाजीपुर थाने को हाईकोर्ट में 16 सितंबर को होने वाली सुनवाई से पहले ये उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।