उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने साइबर ठगी के आरोप में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक समेत चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
- ये गिरोह बनाकर साइबर ठगी करते थे
- जानकीपुरम थाना क्षेत्र का मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने साइबर ठगी के आरोप में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक समेत चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने लखनऊ और आसपास के जिलों में मुद्रा ऋण और वाहन ऋण देकर, जाली दस्तावेज़ बनाकर और बैंक कर्मचारियों के पहचान पत्र हैक करके लाखों रुपये की हेराफेरी की।
गिरफ्तार आरोपियों में मास्टर माइंड गौरव सिंह, यूनियन बैंक जानकीपुरम शाखा प्रमुख नवीद हसन, अखिलेश तिवारी और इंद्रजीत सिंह शामिल हैं। आरोपियों ने मिलकर दर्जनों फर्जी कंपनियां बनाईं और ऋण की रकम अपने खातों में ट्रांसफर कर ली। राज बहादुर गुरुंग नाम के एक व्यक्ति को 2 से 3 लाख रुपये के ऋण की आवश्यकता थी। उसने गिरोह के सदस्य इंद्रजीत सिंह से संपर्क किया।
इंद्रजीत ने उसे बैंक प्रबंधक गौरव सिंह से मिलवाया और उससे कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। कुछ महीने बाद, जब उन्हें अपने फ़ोन पर ईएमआई का मैसेज मिला, तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर ₹24.8 लाख के दो लोन दिए गए हैं। एक ₹9.8 लाख का मुद्रा लोन और दूसरा ₹15 लाख का कार लोन था।
राज बहादुर गुरुंग की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को ओमेक्स के सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत न्यू हज़रतगंज अपार्टमेंट से चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। घटनास्थल से पाँच मोबाइल फ़ोन, एक डेस्कटॉप कंप्यूटर, 268 फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों की फ़ोटोकॉपी, फ़र्ज़ी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, दो चेकबुक, चार कारें, एक प्रिंटर और ₹50,750 नकद बरामद किए गए। नवीद और अखिलेश नियमित रूप से फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनाते थे। इंद्रजीत फ़ील्ड से ग्राहकों को लाता और उनकी फ़ोटो और हस्ताक्षर बदलकर फ़ाइलें तैयार करता।
गौरव सिंह अपनी अनुमति और अन्य बैंक कर्मचारियों के पहचान पत्रों से लोन मंज़ूर करता। लोन की रकम फ़र्ज़ी कंपनियों के खातों में जमा की जाती और पैसा निकालकर उनमें बाँट दिया जाता। यह गिरोह 2015 से सक्रिय है और अब तक लगभग 20 वाहनों को फाइनेंस किया जा चुका है।
आरोपियों ने विभिन्न बैंकों से धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपये का घोटाला किया। साइबर क्राइम यूनिट में चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एसटीएफ ने जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का विशेषज्ञ विश्लेषण करने और गिरोह के बाकी सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए जाँच शुरू कर दी है।