जागरूकता की कमी के कारण सेप्सिस एक महामारी बनती जा रही है। दुनिया भर में हर तीन सेकंड में एक व्यक्ति इस बीमारी से मरता है।
लखनऊ: जागरूकता की कमी के कारण Sepsis एक महामारी बनती जा रही है। दुनिया भर में हर तीन सेकंड में एक व्यक्ति इस बीमारी से मरता है। दुनिया भर में हर साल 4,890,000 लोग सेप्सिस से प्रभावित होते हैं। दुनिया भर में हर पाँच में से एक मौत सेप्सिस के कारण होती है।
यह जानकारी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर (डॉ.) वेद प्रकाश ने दी। वे शनिवार को विश्व सेप्सिस दिवस पर आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे।
डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, 2021 में सेप्सिस से 2,100,000 लोगों की मृत्यु हुई। प्रो. राजेश यादव ने कहा कि 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 2,000 बच्चे सेप्सिस से मरते हैं, जिनमें नवजात शिशु सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि महिलाओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में सेप्सिस का खतरा अधिक होता है।
आँकड़े बताते हैं कि भारत में सेप्सिस के मामलों की संख्या बहुत ज़्यादा है। एक अध्ययन के अनुसार, भारत में अनुमानित 1,100,000 मामले सामने आते हैं और लगभग 30,000 मौतें सेप्सिस के कारण होती हैं। इस अवसर पर प्रो. आरएएस कुशवाहा, डॉ. अंकुर बजाज और डॉ. विशाल पुनिया ने भी जानकारी साझा की। कार्यक्रम के दौरान डॉ. सचिन कुमार, डॉ. एम. आरिफ, डॉ. अनुराग, डॉ. दीपक, डॉ. सुभ्रा, डॉ. संदीप, डॉ. अपर्णा, डॉ. दीपक, डॉ. हर्षिता सहित अन्य चिकित्सक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।