एक अफसर के मुताबिक जो बाहरी लोग यहां रह रहे हैं, इनको कोई विभागीय परमिशन भी नहीं थी, लेकिन अब चेतावनी दे दी गई है कि वह यहां से भाग जाएं।
लखनऊ, Lucknow News Print । राजधानी के आलमबाग क्षेत्र के आनंदनगर स्थित रेलवे कॉलोनी के जर्जर मकानों में रह रहे एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत के बाद भले ही रेलवे प्रशासन की नींद टूट गयी है, लेकिन यहां अभी भी खाली पड़े जर्जर मकानों में बाहरी लोगों ने भी डेरा डाल रखा है।
अधिकारियों के जाँच में इन्हें यहां देखा गया तो अब इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। यहां रहने वाले बाहरी लोग छोटा मोटा कारोबार करते हैं। कोई रिक्शा चलाकर पेट पालन कर रहा है तो कोई अन्य कोई कार्य। रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के मुताबिक यहां करीब 500 से ज्यादा मकान जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं।
एक अफसर के मुताबिक जो बाहरी लोग यहां रह रहे हैं, इनको कोई विभागीय परमिशन भी नहीं थी, लेकिन अब चेतावनी दे दी गई है कि वह यहां से भाग जाएं। इंजीनियरिंग विभाग के मुताबिक आरडीएसओ के पास शांतिपुरम कॉलोनी से मकानों को तोड़ने का अभियान शुरू होने वाला है, लेकिन अभी मौजूदा स्थिति का आलम यह है कि कई मकान ऐसे भी हैं जो जर्जर स्थिति में नहीं है, लेकिन तोड़फोड़ शुरू करने से पहले इन मकानों को भी खाली करना जरूरी होगा नहीं तो कार्रवाई में दिक्कत हो सकती है।
हालांकि 980 मकान गिराए जाने की तैयारी हो चुकी है। रेखा श्रीवास्तव, सीनियर डीसीएम उत्तर रेलवे ने बताया कि मकानों को खाली कराया जा रहा है, हालांकि, अभी उन्हें तोड़ने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।